STORYMIRROR

Ekta Kochar Relan

Others

3  

Ekta Kochar Relan

Others

घर के काम

घर के काम

1 min
263

उठती हूं जब भी

पड़े होते घर के काम,

मुझे पुकारने लगते

घर में दिन भर के काम,

ठान कर कमर सोचती हूँ

जल्दी से कर लूं सारे काम

फिर करूँ कुछ आराम।


दूध वाला डोर बेल बजाता,

सब्जी वाला आवाज़ लगाता,

बाई कहे जल्दी से बर्तन 

खाली करो भाई,

सबको बोले आई- आई

अभी आई।


ठान कर कमर सोचती हूं,

जल्दी से कर लूं सारे काम

झठ निपटाती हूं सारे काम,

इतने में बच्चे स्कूल से भी

वापिस आ जाते हैं,

मम्मा-मम्मा आवाज लगाते हैं,

थकती हूं पर फ्रेश हो जाती हूं 

जैसे ही सुनती हूं उनकी पुकार

खाना खिला, होमवर्क करा

कुछ मस्ती करना चाहते हैं

मम्मा क्या करती हैं आप दिन भर 

ऐसा अक्सर फरमाते।

 

तुम खेलो बच्चों, रात के मैं

निपटा लूं काम 

पापा भी आने वाले हैं

अभी नहीं पूरे कर सकती 

तुम्हारे फरमान,

जल्दी नहीं सोए तो

कैसे होंगे कल के काम

ठान कर कमर सोचती हूँ

जल्दी से कर लूं सारे काम।


ଏହି ବିଷୟବସ୍ତୁକୁ ମୂଲ୍ୟାଙ୍କନ କରନ୍ତୁ
ଲଗ୍ ଇନ୍