akhilesh kumar
Drama
पगडंडी गिराती
तो
खेत बचा लेते
सड़कें
बेरहम होतीं
इस लिहाज से।
तजुर्बे से सम...
जनता
नपुंसक
चौराहे सूनसान...
कोई शहर
मुझे पता है
पगडंडी
अमेरिका
लड़कियां
नदियों में
देश के काम ना आए वो धरती पर है बोझा। देश के काम ना आए वो धरती पर है बोझा।
औरत सृष्टि का मूल है, सृष्टि उचित दृष्टिकोण से ही संवारी जाती है। औरत सृष्टि का मूल है, सृष्टि उचित दृष्टिकोण से ही संवारी जाती है।
मैं मुम्बई हूँ, रूकना मेरी अदा नहीं ! मैं मुम्बई हूँ, झुकने का कोई इरादा नहीं ! मैं मुम्बई हूँ, रूकना मेरी अदा नहीं ! मैं मुम्बई हूँ, झुकने का कोई इरादा नहीं...
हम के वो पत्ते नहीं जो आसानी से झड़ जाएंगे। हम के वो पत्ते नहीं जो आसानी से झड़ जाएंगे।
उदासी में लूं मैं इनका सहारा, इनसे है भरा मेरी खुशी का पिटारा ! उदासी में लूं मैं इनका सहारा, इनसे है भरा मेरी खुशी का पिटारा !
यही मसाले जीवन जैसे जीवन में घुल कर स्वाद ले आये। यही मसाले जीवन जैसे जीवन में घुल कर स्वाद ले आये।
अपेक्षा सभी ह्रदय-पीड़ा की जड़ है---विलियम शेक्सपीयर अपेक्षा सभी ह्रदय-पीड़ा की जड़ है---विलियम शेक्सपीयर
भेद रहित जीवन हम क्यों न बिताएं ? जब सबका अंतिम सत्य है एक समान। भेद रहित जीवन हम क्यों न बिताएं ? जब सबका अंतिम सत्य है एक समान।
तेरे हर ज़ख्म पर महफ़िल में अब हम भी, तेरी तरह वाह-वाह पाए तेरे हर ज़ख्म पर महफ़िल में अब हम भी, तेरी तरह वाह-वाह पाए
तपन हृदय की मिट जाएगी, जब प्रभु चरणों में जाना हो। तपन हृदय की मिट जाएगी, जब प्रभु चरणों में जाना हो।
मजबूर है मजदूरी से ही जीवन अपना बिताते है। मजबूर है मजदूरी से ही जीवन अपना बिताते है।
मैं देखूँ गा आगे बढते हुए। और देखना साहस भरते हुए। मैं देखूँ गा आगे बढते हुए। और देखना साहस भरते हुए।
ये सब कर्मों का नतीजा है वरना ऐसे ही कोई सिकंदर नहीं बनते। ये सब कर्मों का नतीजा है वरना ऐसे ही कोई सिकंदर नहीं बनते।
नमन है उन चरणों में ए मां जिसकी धूल मात्र ना बन पाई। नमन है उन चरणों में ए मां जिसकी धूल मात्र ना बन पाई।
हम इंसान ही हैं या के मकड़ी बन गए। हम इंसान ही हैं या के मकड़ी बन गए।
बस, मुश्किलों के इस तूफान से, आने वाला कल चुराना है हमें। बस, मुश्किलों के इस तूफान से, आने वाला कल चुराना है हमें।
जाने से पहले तुम करोड़ों दिलों में अपनी जगह बना गए। जाने से पहले तुम करोड़ों दिलों में अपनी जगह बना गए।
अब तो अपने घुटने टेक दोना, अब तो तुम जाओ कोरोना। अब तो अपने घुटने टेक दोना, अब तो तुम जाओ कोरोना।
काल कोरोना का अब मरण मैं करूं, तुम्हारी तरह बनूँ प्रकृति तुम्हारी शरण मे रहूँ। काल कोरोना का अब मरण मैं करूं, तुम्हारी तरह बनूँ प्रकृति तुम्हारी शरण मे रहूँ...
जितना तुमसे तब था उतना ही है प्यार प्रिये। जितना तुमसे तब था उतना ही है प्यार प्रिये।