akhilesh kumar
Drama
पगडंडी गिराती
तो
खेत बचा लेते
सड़कें
बेरहम होतीं
इस लिहाज से।
तजुर्बे से सम...
जनता
नपुंसक
चौराहे सूनसान...
कोई शहर
मुझे पता है
पगडंडी
अमेरिका
लड़कियां
नदियों में
बेटी अपने सीने में गुस्सा और हौसले की धार चाहिये। बेटी अपने सीने में गुस्सा और हौसले की धार चाहिये।
ढेर व्यंजन न लगें अच्छे प्यार की सूखी रोटी भाये। ढेर व्यंजन न लगें अच्छे प्यार की सूखी रोटी भाये।
एक औरत से इस भारत का भी सम्मान हैं। एक औरत से इस भारत का भी सम्मान हैं।
कभी सूर्य बनके दमका,कभी चांद बन के चमका। बन कर दीया इसीने घर "निशा "का जलाया। कभी सूर्य बनके दमका,कभी चांद बन के चमका। बन कर दीया इसीने घर "निशा "का जलाया।
काश कोई लौटा दे वो बचपन मेरा जिस गाँव में था वो खुशी का सवेरा। काश कोई लौटा दे वो बचपन मेरा जिस गाँव में था वो खुशी का सवेरा।
घर का खाना आराम से सोना यह है मौसम बड़ा सुहाना ! घर का खाना आराम से सोना यह है मौसम बड़ा सुहाना !
बस एक टूटा हुआ तारा है पेड़ तेरा भी क्या ख़ूब सहारा है। बस एक टूटा हुआ तारा है पेड़ तेरा भी क्या ख़ूब सहारा है।
शुक्रिया दोस्त तूने पनाह दी मुझे, तेरे अहसानों तले दब गई है जिंदगी। शुक्रिया दोस्त तूने पनाह दी मुझे, तेरे अहसानों तले दब गई है जिंदगी।
शायद प्लेटफार्म के शोर में या फिर ट्रेनों के शोर में इस बात की आवाज सुनाई नहीं पड़ी हो . शायद प्लेटफार्म के शोर में या फिर ट्रेनों के शोर में इस बात की आवाज सुनाई नहीं प...
अच्छाई और भोलेपन का फायदा उठाने वाला ये समाज महिला दिवस मनाता है। अच्छाई और भोलेपन का फायदा उठाने वाला ये समाज महिला दिवस मनाता है।
देश बदल रहा है फिर भी बहुत बदलाव अभी बाकी है। देश बदल रहा है फिर भी बहुत बदलाव अभी बाकी है।
पर कभी किसी से कुछ नहीं कहना दो कुलो की लाज लेकर चलना। पर कभी किसी से कुछ नहीं कहना दो कुलो की लाज लेकर चलना।
अब अल्हड़ सी मस्तानी सी फागुन की हवा फागुन की चलने लगी है सुहानी हवा। अब अल्हड़ सी मस्तानी सी फागुन की हवा फागुन की चलने लगी है सुहानी हवा।
क्या संवेदना हो गयी है समाप्त वेदना का दुनिया से उठ गया है विश्वास। क्या संवेदना हो गयी है समाप्त वेदना का दुनिया से उठ गया है विश्वास।
कोई तो गले से लगाकर कहे कि आओ साथ बैठें। कोई तो गले से लगाकर कहे कि आओ साथ बैठें।
हमारा प्यारा त्योहार आया है क्योंकि दोस्तों होली का त्योहार आया है। हमारा प्यारा त्योहार आया है क्योंकि दोस्तों होली का त्योहार आया है।
आज केरोनवा हम भगाइब ये रामा भारत देशवा। आज केरोनवा हम भगाइब ये रामा भारत देशवा।
कि हर देह को दो गज जमीन ही चाहिए मरने के बाद। कि हर देह को दो गज जमीन ही चाहिए मरने के बाद।