akhilesh kumar
Tragedy
कोई शहर
ऐसे ही
पैदा नहीं होता
इसके लिए
मरना पड़ता है
खेतों
फसलों
पगडंडियों को
सरकारी मौत।
तजुर्बे से सम...
जनता
नपुंसक
चौराहे सूनसान...
मुझे पता है
पगडंडी
अमेरिका
लड़कियां
नदियों में
उसने कहा था लौटकर आऊंगा... लेकिन आज उसने बताया की मिलना सम्भव नहीं... फिर भी मैं तो उसी से प्यार करत... उसने कहा था लौटकर आऊंगा... लेकिन आज उसने बताया की मिलना सम्भव नहीं... फिर भी मैं...
घर के चूल्हे की जगह ग़रीब-मासूम बच्चों के पेट में धधकती भूख और प्यास की आग। घर के चूल्हे की जगह ग़रीब-मासूम बच्चों के पेट में धधकती भूख और प्यास की आग।
तन पर उसके जीर्ण - शीर्ण वस्त्र, जैसे सूखा पेड़ बिन पत्र तन पर उसके जीर्ण - शीर्ण वस्त्र, जैसे सूखा पेड़ बिन पत्र
चुभती है शलाका-सी हर निगाहें, समाने को आतुर मुझे सबकी बाहें, सहमी-सहमी सी ऐसी जिंदगी चुभती है शलाका-सी हर निगाहें, समाने को आतुर मुझे सबकी बाहें, सहमी-सहमी सी ...
जख्म लगे जो जिंदगी में तो क्या होता है...? सब संवेदनाभावनाएं खत्म... और सबकुछ खत्म... जख्म लगे जो जिंदगी में तो क्या होता है...? सब संवेदनाभावनाएं खत्म... और सबकुछ खत...
ख्वाब धुंधले हो गये तो फिर क्या जिंदगी में सिर्फ तनहाई ही तनहाई है...!!! ख्वाब धुंधले हो गये तो फिर क्या जिंदगी में सिर्फ तनहाई ही तनहाई है...!!!
की क्यों इंसान इतना निष्ठुर हो जाता है, क्यों वो अपने फर्ज़ को भूल जाता है की क्यों इंसान इतना निष्ठुर हो जाता है, क्यों वो अपने फर्ज़ को भूल जाता है
खुदा के फैसले के आगे फिर क्यूँ बेकार में लडना स्वीकार लिया है हर दर्द को अब बेकार में क्या कहना खुदा के फैसले के आगे फिर क्यूँ बेकार में लडना स्वीकार लिया है हर दर्द को अब बेक...
सर झुका है, देश के सम्मान में, न झुका है, न झुके अपमान में, लाख गोली दाग, दो ऐ शत्रु सर झुका है, देश के सम्मान में, न झुका है, न झुके अपमान में, लाख गोली दाग, ...
पर अब विकास नाम की चिड़िया हमें उड़ा लाई, विरासत में मिली जंगल पहाड़ से पर अब विकास नाम की चिड़िया हमें उड़ा लाई, विरासत में मिली जंगल पहाड़ से
अगर मैं बड़े भाई को नहीं करता फोन, तो शायद पिताजी का जीना हो जाता मुश्किल। अगर मैं बड़े भाई को नहीं करता फोन, तो शायद पिताजी का जीना हो जाता मुश्किल।
फिर क्यों तुम अब भी इतनी दूर हो मुझसे क्यों ये ज्ञात नहीं मुझे; कम से कम ये तो मेरे पास आकर ब... फिर क्यों तुम अब भी इतनी दूर हो मुझसे क्यों ये ज्ञात नहीं मुझे; कम से कम ये...
कर्कश है जो तेरी वाणी कुटिल तेरी मुस्कान है, गैरों पर जो रौब जमाए वो कृत्रिम तेर कर्कश है जो तेरी वाणी कुटिल तेरी मुस्कान है, गैरों पर जो रौब जमाए वो...
जाने क्यों आज याद उनकी आई, बेरहमी से दिल को मेरे तड़पाई। होता है ना ऐसा आपके साथ भी...!!!! जाने क्यों आज याद उनकी आई, बेरहमी से दिल को मेरे तड़पाई। होता है ना ऐसा आपके साथ...
एक व्यभिचारी साधू संदेह का लाभ ले कोर्ट से बरी हो आश्रम में प्रवेश करता एक व्यभिचारी साधू संदेह का लाभ ले कोर्ट से बरी हो आश्रम में प्रवेश करता
खुद को सज़ा दूँगी खुद को सज़ा दूँगी
शायद अब भी तुम मेरे हो तभी तो रुलाते हो! कहते हो हमसे हम तुम्हारे नहीं फिर ख्वाबों में आके हमें क्... शायद अब भी तुम मेरे हो तभी तो रुलाते हो! कहते हो हमसे हम तुम्हारे नहीं फिर ख्व...
बापू तूने अगर न बांधे होते पंख मेरे तो मैं भी आज खुले आसमान में बापू तूने अगर न बांधे होते पंख मेरे तो मैं भी आज खु...
मैंने ये रिश्ता अपनाया मैंने ये रिश्ता अपनाया
कब समझ नहीं आया निशा के आधे पहर पर भी नयनों का जलना क्यो आंसुओं को बाहर निकलने से रोकना कब समझ नहीं आया निशा के आधे पहर पर भी नयनों का जलना क्यो आंसुओं को बाहर निकलन...