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Upama Darshan

Drama

5.0  

Upama Darshan

Drama

पैसा

पैसा

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इन्सा का ईमान खो गया

पैसा ही भगवान हो गया

भाग रहे सब लक्ष्मी के पीछे

रिश्तों को अब कोई न सींचे


भाई ले रहा भाई की जान

पैसा हुआ सबसे बलवान

माँ लालच में बनी शैतान

खुद ले ली बेटी की जान


दोस्तों ने जब सिर है उतारा

दोस्ती को न जरा विचारा

वीभत्स काम करता इंसान

मानवता भूल बना हैवान


मज़हब का लेकर नाम

खून बहाता है इंसान

नाम खराब खुदा का करता

पैसे पर डोला ईमान


नेता हो या व्यापारी

पंडित हो या अधिकारी

लोभ में आ ईमान बेचते

पैसा हुआ है सब पर भारी


डिटर्जेंट से दूध बन रहा

फल सब्जी में जहर घुल रहा

आत्मा किसी की नहीं काँपती

लेते हुए मासूमों की जान


पैसे से नहीं बढ़कर कोई

देख कर ये मानवता रोई

नित होता उसका बलिदान

पैसा आज है बना महान !


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