पैसा पे कविता
पैसा पे कविता
पैसा हाय पैसा !
जब पैसा नहीं होता तो,
सब्ज़ियां पका कर खाते हैं लोग।
जब पैसा आ जाता है तो,
डाइट पे रहकर कच्ची सब्ज़ियां खाते हैं लोग।
पैसा हाय पैसा !
जब नहीं होता पैसा पास में,
तो भगवान् के दर्शन करने जाते हैं लोग।
जब आ जाता है पैसा हाथ में,
तब मंदिर घूमने जाकर स्टेटस लगाते हैं लोग।
पैसा हाय पैसा !
जब पैसा नहीं होता तो,
रात- रात भर सो नहीं पाते हैं लोग।
जब पैसा आ जाता है तो,
नींद की गोलियां खाकर सोते है लोग।