STORYMIRROR

Avneet kaur

Abstract

4.9  

Avneet kaur

Abstract

शराब

शराब

1 min
266


यह आलम शराबियों का,

पर तेरी आँखों से था जाम पीना।


बड़ा ही मुश्किल हो गया था,

तेरी कातिल निगाहों से बच पाना।


एक एक जाम करके और मत पिलाओ,

फिर बड़ा मुश्किल हो जाएगा सम्भल पाना।


यूँ ही बदनाम हैं हम शराब के पीछे,

पीते तो तब हैं जब मुश्किल हो जाये दर्द छुपाना।


एक दिन बैठे थे हम उस महफ़िल में,

जहाँ हमारे महबूब का था रोज़ आना।


वो हमें शराब पिलाए जा रहे थे,

और हमारा आसान हो गया , मौत को ढूँढ पाना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract