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Rekha Verma

Romance

4  

Rekha Verma

Romance

ऑफिस में पहला प्यार

ऑफिस में पहला प्यार

2 mins
389


ऑफिस वाला प्यार

ऑफिस में वो मेरा पहला प्यार

अब क्या कहूं मैं यार

उस पर मैं दिल गई हार

उसका मासूम सा चेहरा

दिल पर छाए बार-बार

क्या यही होता है ऑफिस वाला प्यार

जिस पर मैं दिल गई थी हार


मुझे लगा था सोलहवाँ साल

वह मेरा ऑफिस का पहला साल

बस से जाना पड़ता था

मुझे ऑफिस में हर बार

एक थी घनघोर शाम

आसमान में घटाएं छाई थी

बनकर तूफान

खड़ी थी बस स्टॉप पर

कर रही थी बस का इंतजार

तभी आकर रुका

वह बाइक सवार

और बोला मुझसे

हटाकर हेलमेट एक बार

मौसम का इमान है खराब

कर देगा बारिश बेशुमार

बुरा ना माने तो बैठे जाए

बाइक पर एक बार

छोड़ दूंगा इस तूफानी रात में

आपको आपके घर द्वार

नहीं तो बारिश में भीग जाओगे

तो हो जाएगी तबीयत नासाज


विनती कर रहा था वह मुझसे बार-बार

डरते कंपकंपाते हाथों से

झट से मैं बैठी थी उसकी बाइक पर

बनकर होशियार

लेकिन मैंने देखा

वो तो मेरे ऑफिस का

मासूम बंदा था यार

जो देता था रिस्पेक्ट

मुझे हर बार

मन ही मन चाहता था

पर कर नहीं पाता था

अपने प्यार का इजहार

तूफानी रात कहूं

या मौसम का जादू इस बार 

उस बंदे ने दिल खोल कर रख दिया था

इस बारिश में पहली बार

आई लव यू बोलकर

मैं शरमा गई थी अपनी जुल्फों में

फिर से एक बार

शायद यही था हमारे ऑफिस वाला प्यार

नाजुक रोमांटिक था

कुदरत की तरह पाक था

वह हमारा सात जन्मों का

ऑफिस वाला प्यार

ऑफिस में वो मेरा पहला प्यार

अब क्या कहूं मैं यार

उस पर मैं दिल गई हार



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