नव वर्ष
नव वर्ष
आओ नए साल को खुशियों के साथ मनाएं,
बस मनाने के तरीके में जरा तबदीली लाएं।
गिले शिकवे भुलाकर हम सभी एक हो जाएं,
बस ये सिलसिला दोनों तरफ से निभाया जाए।
रिश्तों को सिर्फ़ सोशल तक ही न समेटा जाए,
बस हम इसको रूहानी तरीके से निभाते जाए।
एक अच्छा प्रण लेते हुए नया साल शुरू किया जाए,
नशा व गुरूर को छोड़ सबसे नरमी से पेश आते जाएं।
इस मौके पर किसी की अस्मत से खेलने पर न उतर आएं,
किसी की इज़्ज़त जिस पर कीचड़ उछालने से बाज आए।
ख़ून पसीने की कमाई को फिजूलखर्ची न बनाया जाए,
इस खर्च को बचाकर गरीबों की मदद को हाथ बढ़ाएं।
किसी के ग़म को खुशी में तब्दील करने का जरिया बन जाएं,
शायद हमारी यही अदा रब को पसंद आ जाए।
इस जहाँ में अपने किरदार से एक अच्छी ख़ुश्बू फैलाएं,
बस जो मिले वो हर इंसान आपका ही कायल हो जाए।
रहें बस इस कदर कि हमसे किसी का अपमान न हो पाए,
रहमान बाँदवी इसी तरह इस जिंदगी से कूच कर जाएं।