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Abdul Rahman Bandvi

Classics Children

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Abdul Rahman Bandvi

Classics Children

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन

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आया राखी का त्यौहार

जो है भाई बहन का प्यार


आता है हर साल में एक बार

पर दोनों में प्यार तो रहता अपरंपार


छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होते हजार

बाद में हम समझौता भी करते अनेकों बार


एक-दूजे के बिन दोनों को लगता सूनसान घर-बार

जब सब हों परिवार के साथ मानो सारे सपने होते साकार


बहन बांधती है भाई को राखी हर बार

याद दिलाती कि भैया रक्षा करना बारंबार


एक समय आता जब दोनों ज़िम्मेदारी निभाने को होते हैं तैयार

दोनों एक दूजे से अलग होकर संभालते हैं अपना-2 घर बार


मत रो बहना मैं आऊंगा तुझको लेने हर बार 

मत कर कोई फिक्र जल्द ही खत्म होगा इंतजार 


इसी त्यौहार के बहाने मुलाकात हो जाती है हर बार

बहन रोती है पर भाई भी नम आंखों से करता है दीदार


बहना,भाई का जो फर्ज़ है निभाऊंगा उम्र भर

रहमान बांदवी इस पवित्र रिश्ते को याद करेगा संसार।


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