मांग लिया संसार
मांग लिया संसार
तुम करते हो प्यार मुझसे तो करो न इकरार,
क्यूं किसी और के जरिए से करते हो इज़हार।
चलिए रिश्ते को आगे बढ़ाकर देते नया आकार,
प्रेम व विश्वास की खाद से करते इसका संचार।
मांग के साथ तुम्हारा मैंने ने मांग लिया संसार,
बस तुम मुझ पर रखना हमेशा ऐसा ही ऐतबार।
कोई भी शिकवा व गिला हो तो बताना मेरे यार,
पर अकेले यूं ही तुम मत परेशान होना बार बार।
क्योंकि अब हो अर्धांगनी हर खुशी करते हैं निसार,
तुम मेरे दिल का चैन, सुकून हो व दिल का करार।
हम दोनों होते हैं इक गृहस्थी के रथ के दो पहिए,
पहिए सही चले तो बेड़ा पार वरना जीवन बेकार।
मेरी ख्वाहिश है कि तेरी हर आरजू को पूरा करना,
फिर भी यदि कभी ध्यान न दे पाऊं तो न होना बेजार।
बस तुम छोटी छोटी बातों को नजरंदाज कर बिताना सफ़र,
रहमान बांदवी इस जीस्त में लाएंगे इक दिन अच्छी बहार।