नव काज करें
नव काज करें
आओं मिल नेक काज करें,
निज राष्ट्र मान-सम्मान में।
सर्वश्रेष्ठ वतन हो अपना,
अग्रणी सारे इस जहान में।....
रख निर्द्वंद्व सहिष्णुता भाव सदा,
हर जातिधर्म का गौरव गान करें।
स्वहित त्याग परहितार्थ को जिएं,
जन-जन में नित्य ऐसा भाव भरें।
निरर्थक बैठ समय ना गँवाएं,
व्यस्त रहें सदा अपने काम में।
सर्वश्रेष्ठ वतन हो अपना,
अग्रणी सारे इस जहान में।...
शाश्वत छल दंभ-द्वेष,पाखंड-झूठ,
अन्याय से निशि दिन हम रहे परे।
हो हृदय विह्वल कभी न किसी का,
मिलकर प्रेम क्षुधा का संचार करें।
जीओं और जीने दो नियम अपनाएं,
स्वयं बात रखें हमेशा यह ध्यान में।
सर्वश्रेष्ठ वतन हो अपना,
अग्रणी सारे इस जहान में।...
सिख,जैन,बोद्ध हिन्दू धर्म सारे,
स्वीकारें तो एक ही सब पंथ में।
रीति-निति ज्ञान धर्माचरण लिखा,
भगवद्गीता रामायण गुरू ग्रंथ में।
अनेक से मिलकर सब एक रहें,
जिएं हिंदुत्व से भारतीयत्व ज्ञान में।
सर्वश्रेष्ठ वतन हो अपना,
अग्रणी सारे इस जहान में।...
