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MAHENDRA SINGH KATARIYA

Inspirational

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MAHENDRA SINGH KATARIYA

Inspirational

कसक

कसक

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माॅं के ना होने की कसक मुझे सताती है।

याद उनकी आने पर आंखें भर आती है।


मिलता सबको है सदा मां से प्यार दुलार।

वात्सल्य से बना अद्भुत सारा यह संसार।

जीवन में भूलें ना कभी माॅं किए उपकार।

उसके चरणों में जन्नत तीर्थ बसते अपार।

निज संतति को जीवन सार समझाती है।


इस धरा जो करे नित उसका स्तुति गान।

उसके जीवन हो खुशियों से नव उत्थान।

जननी के आंचल में ममत्व भरा विश्वास।

साथ अगर हो तब हर दिन लगता ख़ास।

हर पल सुखद ज़िंदगी अहसास कराती है।


जग में मॉं-बच्चों बीच होता प्यारा नाता।

जीवजगत की रही हमेशा भाग्यविधाता।

उसका स्नेह प्रतीति सबके मन को भाता।

जिसकी महिमा सदा देव मुनि सब गाता।

चेहरे से मन की पीड़ा को समझ पाती है।



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