हम हो सजग
हम हो सजग
पर्यावरण के प्रति हम हो सजग।
तो छाये हरियाली चहुंमुखी गज़ब।.....
आओं मिल हम पेड़ लगायें।
वसुंधरा पर हरियाली लाएं।
सुंदर कोकिला कुहू कुहूकाये।
पुष्प - मंजरी मधुकर गुंजायें।
परिदृश्य जिसका होगा अजब।
पर्यावरण के प्रति हम हो सजग.....।
दरख़्तों से जब हरियाली होगी।
फैले वन-वाटिका खुशबू सौंधी।
जीवंतता में हो गहरा परिलाभ।
भाग्य चमके बन मानो आफ़ताब।
नित जनजीवन की हो पूरी तलब।
पर्यावरण के प्रति हम हो सजग.....।
स्वप्निल भविष्य अपना देख।
मनुज हितार्थ करें कुछ नेक।
जैवमंडल संरक्षित लक्ष्य हो एक।
सुखद परिणाम हो तब अनेकानेक।
जीवन सबका हो बस पूर्ण अदब।
पर्यावरण के प्रति हम हो सजग.....।
शुद्ध प्राणवायु का हो संचार।
तो मानवजाति का बड़ा उद्धार।
प्रकृति की वृक्ष सदैव बढ़ाते शान।
स्वस्थ्य रहते पशुपक्षी और इंसान।
जीये सहज स्थल, नभचर व जलज।
पर्यावरण के प्रति हम हो सजग..।
