नशा इश्क का
नशा इश्क का
यूँ मीठी मीठी बातों में, उलझाया ना कीजिए
ख्वाब झूठे किसी के आँखों में सजाया ना कीजिए
दो पल का साथ ही काफी है, चाँद तारें भी तोड़ लाऊंगा,
तुम्हारे लिए, इन सपनीली बातों से लुभाया ना कीजिए
तोड़ के गुरूर यूँ इश्क़ का, ए मेरे हमनवा!
फिर इश्क पर ही फना होने के लिए बहकाया ना कीजिए
सुना है इबादत होती है मोहब्बत, यूँ उसे इम्तिहान बना
हर कदम कदम पर यूँ मुझे आजमाया ना कीजिए
ख्वाब झूठे किसी के आँखों में सजाया ना कीजिए।