नन्हीं आँखों
नन्हीं आँखों
रात ओर दिन दो नन्हीं आंखें देखें तुझको
तेरे हर इक शब्द पर उसके कान लगे हैं।
उसके छोटे हाथ चाहे तुझ सा ही करना
ख्वाबों में भी देखें वो तुझसा ही बनना।
सबसे बुद्धिमान तुम उसके आदर्श बने हो
भक्ति -भाव से करता वो विश्वास है।
तेरी कथनी-करनी ही सवार है उस पर,
तुझसा कहे गर वो करेगा तभी तो
बन पायेगा तुझसा।
आश्चर्य चकित वो नन्हा- मुन्ना,
करें अटूट विश्वास तुझ पर।
