STORYMIRROR

Sajida Akram

Drama

2  

Sajida Akram

Drama

नन्हीं आँखों

नन्हीं आँखों

1 min
281

रात ओर दिन दो नन्हीं आंखें देखें तुझको

तेरे हर इक शब्द पर उसके कान लगे हैं।

 

उसके छोटे हाथ चाहे तुझ सा ही करना

ख्वाबों में भी देखें वो तुझसा ही बनना।


सबसे बुद्धिमान तुम उसके आदर्श बने हो

भक्ति -भाव से करता वो विश्वास है।


तेरी कथनी-करनी ही सवार है उस पर,

तुझसा कहे गर वो करेगा तभी तो

बन पायेगा तुझसा।


आश्चर्य चकित वो नन्हा- मुन्ना,

करें अटूट विश्वास तुझ पर।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama