नैनों की कारीगरी
नैनों की कारीगरी
मेरे दिल पर कर गयी जादूगरी
तेरे नैनों की देखी कारीगरी
कजरारी कजरारी दो अँखियाँ
दोनों ही जैसे मद भरी
पलकें झुकी बन जाएँ क़यामत
देखी इनकी अजब बाजीगरी
मदीरा सी छलकाए तेरी अँखियाँ
उस पर बातें तेरी ये रस भरी
अधरों से जो ना कही गयी
दृग बाणों ने वो बात कही
दिल पर मेरे क्या कुछ गुज़रे
आँखों की ये कैसी मसखरी
कितनों के ही दिल चाक हुए
किस पर अब ये दुधारी चली।
