यही सपना ह्रदय में अमर है इतिहास बनकर, माँ भारती के लाल हैं हम खिताब बनकर। यही सपना ह्रदय में अमर है इतिहास बनकर, माँ भारती के लाल हैं हम खिताब बनकर।
मदीरा सी छलकाए तेरी अँखियाँ उस पर बातें तेरी ये रस भरी मदीरा सी छलकाए तेरी अँखियाँ उस पर बातें तेरी ये रस भरी
अब जब मैं जब गीले बाल से ही रसोई में घुसती हूँ तुम सी ही लगने लगती हूँ माँ... अब जब मैं जब गीले बाल से ही रसोई में घुसती हूँ तुम सी ही लगने लगती हूँ माँ...