आ के जगाओ रातों में तुम अब रातों को ज़रा रेशमी करो । आ के जगाओ रातों में तुम अब रातों को ज़रा रेशमी करो ।
श्रमिक को पुनः बुलाया है गाँव की गोदी ने श्रमिक को पुनः बुलाया है गाँव की गोदी ने
समाज के बनाए जा दकियानूसी, रिवाजों का जिम्मेदार कौन है। समाज के बनाए जा दकियानूसी, रिवाजों का जिम्मेदार कौन है।
कभी दहेज, रिवाजों का, कभी जबरदस्ती कभी बलात्कार का शिकार बनाया जाता है कभी दहेज, रिवाजों का, कभी जबरदस्ती कभी बलात्कार का शिकार बनाया जाता है
अब जब मैं जब गीले बाल से ही रसोई में घुसती हूँ तुम सी ही लगने लगती हूँ माँ... अब जब मैं जब गीले बाल से ही रसोई में घुसती हूँ तुम सी ही लगने लगती हूँ माँ...