Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Rekha Shukla

Drama Others

4  

Rekha Shukla

Drama Others

माँ

माँ

2 mins
343


तुम सी हो गई हूं अब मैं भी....


माँ तुम "सिल्क" साड़ी महँगी कह छोड़ती..

महँगे कप मेहमानों की खातिर सहेजती..

हम लतीफ़े बना बना तुम्हारी मितव्ययिता के तुमको ही हँसाते.. 

त्यौहारों पर नहीं देखा कभी...

सबके साथ फुर्सत में खुशियाँ मनाते..

हमेशा रही तुम मशरूफ रसोई में 

जाने क्या क्या बंदोबस्त करती...

तब अक्सर सोचती थी मैं...

तुम नहीं जानती हो जिंदगी का स्वाद लेना.. 

लेकिन अब महसूस कर पाती हूँ ...

"ज़िम्मेदारियों " के सुराख से 

चुप सरक जाती है तमाम मसखरी !!


कभी वक्त निकाल कर सँवरते नहीं देखा तुमको ,...

मैं झुंझलाती थी सौ दफ़ा 

तुम्हारी हड़बड़ी भरी गड़बड़ियों पर...

कैसे गर्म कढ़ाही से चटका लेती हो

बुरे लगते हैं ये जले निशान हाथों पर ,

एड़ियां फट जाती हैं आपकी...

कुछ ख्याल किया करो ,

सब्जी "चापर बोर्ड" पर क्यूं नहीं काटती...!!

उँगलियों पर चाकू की ये निशानियाँ

अच्छी नहीं लगती 

बैंटेक्स मत पहना करो ना...

शर्मिंदा करती मैं तुम्हें तमाम लापरवाहियों पर !!


लेकिन अब खुद धुरी के केंद्र में खड़ी होने के बाद

समझने लगी हूँ 

औरत खो देती है सुध-बुध ,रूप,

श्रृंगार, शौक और उम्र

"परिवार" को आत्मा में धारण करते करते ।


अब जब मैं जब गीले बाल से ही

रसोई में घुसती हूँ

तुम सी ही लगने लगती हूँ माँ.... 

भगवान को ताली बजा नींद से उठाती 

तुम सी जागती हूँ 

सारे पर्व रीति रिवाजों के प्रबंध करते गुजर जाते 

रसोई, छत, आँगन में फिरती 

और दिन ढले 

थक कर डूबी डूबी तुम सी ही

दिखती हूँ माँ....

आँखों से पानी आने तक हँसी नहीं मैं कब से 

ऐसा याद आए तो 

तुम सी फीकी फीकी लगने लगती हूँ मैं माँ....

कोई सहेली भी 

स्नेहिलता से भिगो दें जब मन को

लम्हा भर उसके प्रेम में

तुम झलकती हो माँ

दूर होकर भी मैं कभी खुद में तो

कभी आत्मीय रिश्तों में तुमको टटोल 

ही लेती हूँ 

मेरी "माँ"


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama