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Priyanka Saxena

Tragedy

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Priyanka Saxena

Tragedy

नारी तेरी यही कहानी!

नारी तेरी यही कहानी!

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नारी के हिस्से में गिनती के फूल व कांटे भरपूर होते हैं, 

कुछ भाग्यशाली हैं जो इस दंश से अछूती रहती हैं।

कुछ ही के हिस्से में शीतलता की फुहार आती है,

शनै-शनै ज्वाला में बहुतों को जल जाना होता है।

किसी को ये आग असमय ही भस्मकर जाती है,

तो कोई जीवनपर्यंत इस अग्नि में जलती रहती है।

कोई पेट की ज्वाला को बुझाने नौ महीने बोझा ढोती है,

तो कहीं पूरे समय तक उसे काम में झोंका जाता है।

कभी तानों से, कभी छेड़छाड़ से दिल को जख्मी किया जाता है,

तो कभी आत्मसम्मान,आत्मविश्वास को दबाया-कुचला जाता है।

कभी सम्मान पर चोट तो कभी बातों से फफोले पड़ते हैं,

नारी तेरी यही कहानी, तू हर युग में जलाई जाती है।


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