नाम
नाम
किसी की यादों का पैग़ाम मिला है,
दिल को मदहोशी का जाम मिला है।
उसे याद करते हैं सुबह और शाम,
हमें भी क्या ख़ूबसूरत काम मिला है।
जिंदगी तो उसे देखकर रंगीन हो गई,
दिल के साथ उसकी यादों में खो गई।
उसकी ख़्वाब हमें महकने लगी है,
रात में भी वो तो हमें जगाने लगी है।
दिल में गम के लिए स्थान ही नहीं है,
उसे देखकर जिंदगी मुस्कुराने लगी है।
खुश होने का कारण प्राप्त हुआ हमें,
देर से ही सही हमें मुकाम मिला है।
ले लेकर जुबां कभी थकती नहीं है,
कितना प्यारा जुबां को नाम मिला है।
किसी की यादों का पैग़ाम मिला है,
दिल को मदहोशी का जाम मिला है।