STORYMIRROR

ना बन गुनहगार तू

ना बन गुनहगार तू

1 min
2.6K


ना बन गुनहगार तू मुझपर ऐतबार करके,

आँखों से ही नहीं,

मेरे दिल से भी बहेगे आंसू ,

तू थोड़ा देख इंतज़ार करके,

 

ना बन गुनहगार तू मुझपर ऐतबार करके,

ये धुप कितनी प्यारी है,

बह रहा है अश्को का पसीना,

देख सूरज से आँखे चार करके,

 

ना बन गुनहगार तू मुझपर ऐतबार करके,

मेरा प्यार है समंदर जैसा,

नदिया, झील, बदल , सब मिले है,

अभी खरा हु, तू चखना प्यास बन के,

 

ना बन गुनहगार तू मुझपर ऐतबार करके,

मेरी ज़िंदगी को तेरी ही चाह है,

तू दिखती रौशनी, अंधेरा, तनहा सवेरा, 

क्या करू तेरा मज़िल पर हाथ पकड़ के,

 

ना बन गुनहगार तू मुझपर ऐतबार करके,

तनहा शायर हु


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama