मुँह को मोड़ लेंगे हम
मुँह को मोड़ लेंगे हम
वो मिले राह में तो उनसे, मुँह को मोड़ लेंगे हम।
तमाशा ए उल्फत नजरों में, सबकी छोड़ देंगे हम।
नहीं परवाह दिल की ना कदर, मेरी मोहब्बत की
ऐसे गुस्ताख़ रहबर से, हर नाता तोड़ देंगे हम।
मेरी मिन्नत और गुजारिश, उसको रास नहीं आईं
किसी अनजान दिलबर से, अब रिश्ता जोड़ लेंगे हम।
ना रोयेंगे ना तड़फेंगे, ना ही यादों में लाएंगे
उस बेवफा के हर भरम, को तोड़ देंगे हम।
बसाया से उसने आशियाना, नए शहर में
कोई नया घरौंदा शहर में , जोड़ लेंगे हम।