मुल्क
मुल्क
ये मेरा मुल्क है
ये मेरा हिंदुस्तान है
यहा न कोई हिन्दु है
यह न कोई मुस्लिम है।
यहां सब भारतीय है
हमें न मंदिर जाना है
हमें न मस्जिद जाना है
हमें तो मिलकर तिरंगा लहराना है।
हमें न जाति में बांटो
न राजनीति में बांटो
हमें हमारी
काबिलियत से छांटो।
जग में होगा मेरे मुल्क का नाम
ऐसा करेंगे मिलकर हम काम
दुश्मन जो आएगा
मुंह की वो खायेगा।
मेरा मुल्क कल भी
सोने की चिड़िया था
और आज भी है,
कल तिजोरी में सोना था
आज जिगर सोने का है
इस सोने को कोई
नहीं लूट सकता।
दुश्मन है इसी फिराक में तकता
पूरे विश्व मे मेरा मुल्क छाएगा
बच्चा बच्चा
वंदे मातरम गायेगा।
मेरे मुल्क के वीरों तुम्हें नमन है
खुद के उजाड़ के
बचाये हमारे चमन है,
जरूरत पड़ी तो हर भारतीय
दुश्मन को मार गिरायेगा
अपने मुल्क का गौरव
नीचे नहीं झुकायेगा।।