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Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

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Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

सपनों में कौन

सपनों में कौन

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सपनों में कौन आता-जाता है, 

ये हम सभी के बस में नहीं है। 


सपनों में हमारे अपने आते हैं, 

हमारे जानी दुश्मन तक आते। 


सपने में हम वो भी पा लेते हैं, 

जो हक़ीक़त में असंभव होता। 


सपने में वो खो देते हैं हम भी, 

जो सदा कीमती भी तो होता। 


सपनों में गरीब अमीर हुआ है, 

सपनों में अंबानी तक बने जो। 


कुछ का तो प्यार रोज़ आता है, 

कुछ का तो कभी नहीं आता है। 


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