लोग क्या कहेंगे?
लोग क्या कहेंगे?
लोग क्या कहेंगे?
सिर्फ यही सोचकर
क्या हम बहुत कुछ सहेंगे। लोगों का क्या है?
कुछ ना कुछ तो वे जरूर ही कहेंगे।
बढ़कर तो देखो जरा आगे,
लक्ष्य में आने वाले प्रत्येक रुकावट की तुम्हें जानकारी देंगे।
यदि आप उनकी सुनेंगे
तो अपने बढ़ते कदम जरूर रोक लेंगे।
जैसे आप पहले थे वैसे ही रह लेंगे।
लेकिन लोग तो फिर भी कुछ ना कुछ कहेंगे।
आपकी असफलता का ठीकरा आपके ही सिर पर फोड़ेंगे।
बेहतर यही है कि लोगों की सुनना छोड़ दो।
बहरे हो जाओ और अपने लक्ष्य के सिवाय इधर-उधर तकना भी छोड़ दो।
एक दिन जरूर पाओगे तुम लक्ष्य अपना और सफल भी हो जाओगे।
उस दिन नजर घुमाकर आसपास देख लेना
कहने वाले लोगों को तुम अपने पीछे ही पाओगे।
