मुझे अपना बना ले
मुझे अपना बना ले
लाख बुराईयां भले हों मुझमें मग़र मैं
तुम्हारा दिल कभी न दुखाना चाहता हूं,
तेरे आँखों में आंसू कभी न लाना चाहता हूं।
तु मुझसे लड़ ले, झगड़ ले
डांटाकर - फटकारा'कर'
मग़र इस तरह तु मुझसे बोलना न छोड़ !
तेरी चुप्पी से मैं भाव-विह्वल आद्र हो जाया करता हूं !
मैं अपनी गलतियों पर पश्चाताप के सिवा ,
और कुछ कर नहीं पाया करता हूं !
माफ़ी मेरे संबोधन का पर्याय बन चुकी है
ऐ! मेरे दोस्त , मेरे हमसफर, हमनशी, मेरे जीवन साथी
तेरा दिल मैं कभी दुखाना नहीं चाहता हूं !
तेरे आँख में आंसू कभी नहीं लाना चाहता हूं!
मुझे गले लगा ले,
मेरे विकल हृदय कि धड़कनों को महसूस कर मुझे माफ़ कर दे!
मेरी गलतियों को अपना बना ले!
हर इक गलती के बाद हर इक माफ़ी से
मेरे दिल को अपनेपन से रूबरू करा दे!
हे प्रिये ! तू हर बार मुझे अपना ले।।
