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Manisha Maru

Action Classics Fantasy

4  

Manisha Maru

Action Classics Fantasy

#मेरी प्रेम कहानी

#मेरी प्रेम कहानी

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मेरे प्यार की कहानी 

यह बात बरसों पुरानी।


जब पहला पहला प्यार हुआ, 

खुशगवार सा एहसास हुआ।


धड़कनों के वो बिल्कुल पास हुआ,

दिल हौले-हौले फिर बेकरार हुआ।


किताबों से मन मेरा दर किनार हुआ,

उसके ख्याल से हरपल बुरा हाल हुआ।


क्या सुबह? क्या दोपहर? क्या शाम?

उसकी सोच में हर लम्हा गुमनाम हुआ।


प्यार का ना कभी एक दूजे से इजहार हुआ, 

दिल का राज सिर्फ निगाहों से ही बयां हुआ।


पढ़ाई पूरी कर अपने शहर को वो लौट गया,

यू लगा जैसे जान वो मेरी अपने साथ ले गया।


कुछ वक्त बाद शादी का प्रस्ताव भाई लाया,

देखे उसकी  छवि अंतर्मन मेरा मुस्कुराया।


क्या कह दूं भाई को ? 

यह वही है जिस पर दिल बरसों पहले था आया,

खुशी से मन मेरा झूम उठा, 

लेकिन लाज के मारे मन मेरा कुछ कह ना पाया।


आह!! क्या खूबसूरत वह मंजर था,

दिल के जज्बातों में फिर उठा प्रेम प्रीति का समंदर था। 

जिसे नजरों ने मेरी वरन किया था,

सेहरा बांध, पिया रूप में वो ही आज मेरे द्वारा खड़ा था।


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