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Manisha Maru

Classics Children

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Manisha Maru

Classics Children

एक लम्हा नौ महीने बड़ा

एक लम्हा नौ महीने बड़ा

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 अनदेखा,

अनजाना सा प्यार।

बिन शर्तो पर,

पलता जो खुमार।


कलेजे की,

कौर ऐसी बनती।

नैना चाहते,

करना हरपल दीदार।


बुरी नज़रों से,

बचाकर मैं दूर रखूं ।

हर लम्हा आता,

बस यहीं ख्याल।


वो रेशमी, 

वो कोमल सा एहसास।

हर रिश्तों में

"नौ महीने "

सबसे ज्यादा होता,

जिस रिश्तें का दुलार 


वो तो सिर्फ और सिर्फ होता

"एक मां "का ही समर्पण वाला प्यार।


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