ख्वाब
ख्वाब


ये ख्वाब मैने खुली आँखों से देखें है।
अपने अरमान परिस्थितियों में सेके है।
बड़ी मसक्कत से आये है यहाँ।
यही तो है मेरे ख्वाबो का जहाँ।
कोई ख्वाब अधूरा न रह जाये।
पछतावा कभी हमसे न कह पाये।
मेरी तमन्नाओं की कोई झड़ी नहीं है।
यकीन मानो कोई जादू की छड़ी नहीं है।
ये ख्वाब तो वो है, जो तुम्हे सोने न दे।
तुम्हारी हिम्मत कभी खोने न दे।
नसीब का रोना कब तक रोओगे
उठो भ्रम से कब तलक सोओगे।
आज भी देर नही है, लिख दो अपनी कहानी
सुनोगे जिसे कल सबकी ज़बानी।