दददू
दददू
दददू का सपना
अब है मेरा अपना
दददू के गुण मुझ में आये
परोपकार का भाव जो लाये।
उनकी परछाई है मुझे बनना
उनके बताए मार्ग पर है चलना
ये केवल एक तस्वीर नहीं
मेरे दद्दू की तपस्या हैं।
ये तो एक शुरुआत है
मंजिलें बहुत तय करनी है अभी
मिलेगी जीत हमें भी तभी
आपका ऋण तो नहीं चुका पाऊँगी
पर आपके सपने जरूर जीत जाऊँगी।
ऐसी शख्सियत दुनिया में नहीं कोई
जिसकी आँखें गम में भी नहीं रोयीं।
मुझे संभाला हर परिस्थिति में
उदास न होने दिया किसी भी स्थिति में।
मुझे देकर जीवन मुस्कुरा दिए आप
छोड़ दी मेरे मन में एक अदभुत छाप।
नाम में है दिवाकर तो प्रकाश तो दोगे
सबके दिलों में अमर रहोगे।