STORYMIRROR

Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

4  

Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

आशा का दामन

आशा का दामन

1 min
370

आशा का दामन पकड़े हैं रहना, 

निराशा को पास नहीं आने देना। 


सकारात्मक सोच रखकर सदैव,

नकारात्मक प्रभाव पड़ने न देना।


ज़िंदगी में पहली बार प्यार हुआ, 

निराश बिल्कुल नहीं मैं भी हुआ। 


आशा का दामन नहीं छोड़ा यार, 

सकारात्मक सोच कर था हुआ।


इंसान जब भी कोई काम करता, 

सफल होगा या असफल भी हो। 


सब निर्भर होता है इसी बात पर, 

आशा ना छोड़ें जो शक्ति हमारी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract