STORYMIRROR

Madhu Vashishta

Action Classics Inspirational

4  

Madhu Vashishta

Action Classics Inspirational

अभिलाषा

अभिलाषा

1 min
302

प्रेम की लेकर अभिलाषा,

सुंदर से भविष्य की आशा

लेकर मन में आई थी।


पूरे घर की बहु रानी बनकर

खुशियों की बदली सी वह छाई थी।

अब सब कुछ तुम पर निर्भर होगा।

व्यवहार तुम्हारा जैसा भी होगा।


सपने उसके पूर्ण होंगे या रहेंगे अपूर्ण,

वैसा ही तुम्हारा भविष्य भी होगा।

मत करना उसको परेशान

जिंदगी तुम्हारी भी नहीं रहेगी फिर आसान।


प्रेम की भिक्षा लेने आई प्रेम का प्रतिरूप बनकर आई, 

खुशियों से सराबोर कर देगी तुम्हारे घर को।

प्रेम ही देना और प्रेम ही पाना।


आज तुम्हारे घर की खुशियां ही बहुरानी का

रूप धरकर तुम्हारे घर में है आई।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action