मोहब्बत के रिश्ते
मोहब्बत के रिश्ते
कितने हसीन होते हैं मोहब्बत के रिश्ते भी,
पल-पल की बेचैनी मगर उसमें भी करार,
कभी बात करने को, तो कभी मिलने को बेकरार !
शामें सारी लगती सुहानी-सी,
हर रात लाती इक नई कहानी-सी !
हकीकत में ना मिल सके जिन से
ख्वाबों में उनसे मुलाकात कर लेते,
बातेें कुछ प्यारी सी दो-चार कर लेते !
कभी-कभी फिर यूँ भी हो जाता
यादों में उसकी खोकर दिल उदास हो जाता,
और एक छोटा-सा अश्क आँख से टपक जाता !
नींद आँखों से कोसों दूर रहती रहती
इक अजीब सी उदासी मन को घेरे रहती !