STORYMIRROR

Gzala Shakir

Tragedy Classics Inspirational

4  

Gzala Shakir

Tragedy Classics Inspirational

मोहब्बत बड़ी अजीब होती है

मोहब्बत बड़ी अजीब होती है

1 min
209

मोहब्बत बड़ी अजीब होती है

मिल जाए तो खुशनसीब होती है

ना मिले तो बदनसीब होती है

मोहब्बत बड़ी अजीब............


मोहब्बत के कई रंग होते हैं

मोहब्बत के कई नाम होते हैं

मोहब्बत की जरूरत सभी को होती है

मोहब्बत बड़ी अजीब............


यह जिससे चाहो उससे नहीं होती

होती है जिससे उससे उम्मीद नहीं होती

कहां यह हर किसी को नसीब होती है

मोहब्बत बड़ी अजीब ............


कभी आजमाइश बनती है 

कभी दर्द का बाईस बनती है

कड़ी धूप में ठंडी छांव जैसी होती है

मोहब्बत बड़ी अजीब............

कहीं मोहब्बत कुर्बानी देती है

कहीं खुद कुर्बान होती है

ना काम होकर भी कामयाब होती है

मोहब्बत बड़ी अजीब होती है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy