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Gzala Shakir

Comedy Romance Classics

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Gzala Shakir

Comedy Romance Classics

वह जो मेरा एक ख्वाब था

वह जो मेरा एक ख्वाब था

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वह जो मेरा एक ख्वाब था

दर हक़ीक़त वो एक शराब था


बन्द आंखों से जो देखा किये

तूं वहीं खुबसूरत सा खाब था


उसे जितना मुझसे प्यार था  

मुझे उतना उस पर ऐतबार था


फिर अचानक हुआ ये हादसा

जिसका ना मुझको गुमान था


उस वक़्त जागी मैं ख्वाब से

जब पास मेरे कुछ बचा न था


वो किसी और ही दुनिया का था

बस कुछ वक़्त मेरे साथ था।


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