STORYMIRROR

Gzala Shakir

Others

2  

Gzala Shakir

Others

सुर्ख़ है हर आँख यहां

सुर्ख़ है हर आँख यहां

1 min
156

सुर्ख है हर आँख यहां इतना

कि मुश्किल है हालात यहां इतना


वार दुश्मन का नहीं गुजरा कोई खाली

दिल हुआ जख़्मी कहीं जिगर हुआ छलनी


ऐ गर्दिशे दौर हम पर बहुत एहसान है तेरा

अच्छे बुरे हालात में हमें तू ने दिया सहारा


समझौता हर बार अश्के नदामत से की है

हमने ऐलाने बगावत तो इस बार की है


जिसने ख़्वाब देखा है करने का हमें रुखसत

भूल है यह उसकी हम कर देंगे उसे रुखसत


यह मुल्क हमारा है कोई जागीर नहीं तेरा

नया कानून बनाने का अभी औकात नहीं तेरा।



Rate this content
Log in