पहली मुलाकात
पहली मुलाकात
आज मेरी उनसे मुलाकात हुई
फिर फोन पर भी बात हुई
पहले मैं थोड़ा शर्म आई थी
और फिर थोड़ा सा घबराई थी
कुछ बात उनको कहना था
देख कर मुझको वो कहना था
जब मेरी उनसे इसरार हुई
फिर उनकी मुझसे एहतेजाज हुई
थोड़ा सा इकरार हुआ
बाकी सब इनकार हुआ
सब बात का आखिर वहां हुआ
जब प्यार पर मेरे वार हुआ
होता तो प्यार सभी को है
पर मेरा प्यार इबादत है
जो पाक़ीज़ा है मरियम सी
जो पर्दा करती जोहरा सी
और दिल की दौलत होती है
जिसे दिल में मैंने छुपाई है।