मोदी जी, हमारा यही हक चाहिए
मोदी जी, हमारा यही हक चाहिए
मोदी जी, हमारा यही हक चाहिए
हमें तो हमारा छत चाहिए
ना ताज, ना महल चाहिए
दो वक्त खा लु पेट भर खाना
वह रोजगार वह लेटर चाहिए
मोदी जी.....
बहुत धैर्य से पढ़े हैं बचपन से
उस धैर्य का हमें फल चहिए
निकालो भर्ती आठ साल बीत गया
और कितना तुम्हें वक्त चाहिए
मोदी जी.....
बिते सालों में कितनों का उम्र गया
कितनों का तुटा है आश
इस आश को विश्वास चाहिए
ना चाहिए फिजुल की बात
मोदी जी.....
बड़ी कष्ट होता है, कोई पुछता है,कब होगा नौकरी
सादी कब करेगा, बूढ़े में कौन देगा छोकरी
हंस कर टाल देते हैं लगी चोट को सहला लेते हैं
हम भी दे सके जवाब हमें भर्ती चाहिए
मोदी जी.....