मनोहर मुरलीधारी
मनोहर मुरलीधारी
मैं आई शरण तिहारी,
ओ मनोहर मुरलीधारी।
तेरी छबी लगे मुझे न्यारी,
ओ मनोहर मुरलीधारी।
घड़ी घड़ी पल पल चैन न आवे,
रात दिन मोहे निंद न आवे।
सूरत दिखा दे प्यारी,
ओ मनोहर मुरलीधारी।
तेरे दरस को मनवा तरसे,
अंखियों में से अश्रु बरसे।
तू न कर अब मनमानी,
ओ मनोहर मुरलीधारी।
कुंज गली में तुझ को पुकारूँ,
फिर भी तुझे में देख न पाऊं।
मैं हो गई हूँ दीवानी,
ओ मनोहर मुरलीधारी।
तिरछी नजर से घायल करके,
छुप गया मीठी बस्तियां करके।
वापस आओ गिरिधारी,
ओ मनोहर मुरलीधारी।
"मुरली" मधुर तान सूना दे,
ता थै तत थै नाच नचा दे।
मिलन की तड़प लगी भारी,
ओ मनोहर मुरलीधारी।