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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Thriller

4  

Dhanjibhai gadhiya "murali"

Drama Thriller

जरा मुस्कुरा दो

जरा मुस्कुरा दो

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4


खूबसूरत चेहरे से नकाब को हटाओ,

नजर से नजर को प्यार से मिलाओ,

नैनों से नजरों के जाम को छलका दो, 

गम को भुलाकर, जरा मस्कुरा दो।


दिन रात मुझे तुम ख्वाबो में न सताओ, 

चांदनी खीली है तुम मिलने आ जाओ,

तुम्हारे चेहरे पर से ये मायूसी हटा दो, 

गम को भुलाकर, जरा मुस्कुरा दो।


सावन की घटा को फूलों से सजाओ,

होंठों से तुम्हारे मधुर अल्फाज़ सुनाओ,

अल्फाज़ सुनाकर मुझे दीवाना बना दो,

गम को भुलाकर, जरा मुस्कुरा दो।


विरह की ज़लती हुई आग को बुझाओ,

मेरे दिल में प्यार की ज्योत को जलाओ,

हम तो तुम्हारे है, तुम्हारे रहेंगे " मुरली",

गम को भुलाकर, प्यार से मस्कुरा दो।




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