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Shashi Aswal

Drama

4  

Shashi Aswal

Drama

लड़की में ही कोई कमी होगी

लड़की में ही कोई कमी होगी

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तुम्हें मैं कभी 

माफ नहीं करुँगी 

तुमने जो मेरे साथ किया 

भगवान न करें कि किसी 

दुश्मन के साथ भी ऐसा हो 


तुम्हारी वजह से 

मैंने और मेरे परिवार ने 

कितना कुछ सहा 

तुम्हें तो वो अपना 

बेटा मानते थे 


तुम्हारी वजह से 

आज मेरी ये हालत है 

जो मैं किसी पर विश्वास 

नहीं कर सकती 

खुद पर भी नहीं 


तुम्हारे शादी न करने के 

फैसले से कितना कुछ 

बदल गया मेरे परिवार में 

मेरी जिंदगी, मेरी सोच, 

लोगों के देखने का सलीका 


जब मना ही करना था 

तो हाँ क्यूँ किया था 

सगाई क्यों की थी 

इतने सपने क्यूँ दिखाए 

क्यूँ उन यादों को बुनाते 

रहे जब पूरा नहीं करना था 


तुम हत्यारे हो हम सब के 

हमारे सपनों के, उम्मीदों के 

कत्ल किया है तुमने 

हम सबका बेरहमी से 

हम सबको शारीरिक रूप 

से नहीं पर मानसिक रूप से 

गहरा आघात पहुंचाया है तुमने 


मेरे माँ-बाप के सपने 

जो मेरी शादी को लेकर थे 

सबका कत्ल हो गया 

एक बेटी की शादी के 

कितने सपने होते है 

माँ-बाप की आँखों में 

जब वो पैदा होती है 

तब से जन्म ले रहे होते 

है वो उनकी आँखों में पल कर 


सब छलक कर टूट गए 

बिखरे हुए काँच की तरह 

अब उनकी आँखों में चमक नहीं 

सूनापन नजर आता है मुझे 

हँसते तो है मुझे दिखाने के लिए 


और मैं किसी से कुछ कह 

भी नहीं सकती 

क्योंकि मुझे पता है 

अगर मैं कुछ बोलूंगी 

या रोऊँगी तो 

वो भी टूट जाएंगे 

एक बांध की तरह 


सुनो, पर मैं तुमसे 

नफ़रत भी नहीं करती 

क्योंकि तुम उसके भी 

हकदार नहीं हो 


लाख कोशिश करती हूँ 

बुरा सोचूँ तुम्हारे लिए 

पर नहीं सोच पाती 

क्योंकि मेरी फितरत 

तुम्हारे जैसे नहीं है न 


और शुक्र मनाओ कि 

तुम्हारी कोई बहन नहीं है 

नहीं तो उसके साथ ऐसा होता 

तो जिंदा ही मर जाते 

जैसे अब हम हो गए है 


जहाँ भी रहो, खुश रहो 

जिससे शादी करोगे 

कम से कम उसके साथ 

ऐसा मत करना 

क्योंकि हर कोई 

मेरे जैसे नहीं होगी 

जो आसानी से जाने देगी 


कभी किसी लड़की के साथ 

ऐसा खेल मत खेलना 

उसके परिवार के साथ 

किसी को झूठे सपने मत दिखाना 

वरना वो जीते जी मर जाते है 

या समाज के लोग उन्हें 

जीने नहीं देते 


क्योंकि समाज हमेशा 

लड़की को ही दोषी ठरहाता है 

कि लड़की में ही कोई कमी होगी 

तभी तो लड़के ने शादी से मना कर दिया 

भले ही उन्हें वजह न पता हो 


और समाज ने तो 

माता सीता को भी 

नहीं छोड़ा था 

तो हम तो कुछ भी नहीं है 


एक बार जो कलंक 

लड़की पर लग जाता है 

उसे कभी नहीं मिटाया 

जा सकता जिंदगी में 


इसलिए हाथ जोड़ कर 

प्रार्थना है कि 

किसी और लड़की के साथ 

ऐसा मत करना 

तुम्हें रिश्ता न पसंद हो 

तो मना कर देना 

पर पहले हाँ करके 

फिर न मत कहना 


नहीं तो तुम 

बहुत बड़ा पाप करोगे 

सपनों को तोड़ने का 

उनको मानसिक प्रताड़ना देने का 

हत्यारे बन जाओगे परिवार को 

क्योंकि एक बार जो चीज 

टूट जाती है 

उसे दोबारा जोड़ा

नहीं जा सकता...


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