STORYMIRROR

आभार

आभार

2 mins
1.6K


भूलूं कैसे मैं तुम्हारा यह उपकार

तुमको है इसके लिए बहुत आभार


जब लोगों ने किया मेरा अपमान

तब लोगों के सामने मेरी कुछ अच्छाइयों से  

दिया तुमने सम्मान

भूलूं कैसे तुम्हारा यह उपकार 

तुमको है इसके लिए बहुत आभार


जब अपनों ने किया मेरा तिरस्कार

तब तुमने अपने प्यार से दिया मुझे बहुत अधिकार

भूलूं कैसे तुम्हारा यह उपकार

तुमको है इसके लिए बहुत आभार


जब लोगों ने मेरी काबिलियत पर किया सवाल

तब तुमने लोगों को मेरी

काबिलियत का दिया ऐसा जवाब 

भूलूं कैसे तुम्हारा यह उपकार

तुमको है इसके लिए बहुत आभार


जब लोगों ने किया मेरे जीवन में अंधेरा

तो तुमने दिया मुझे उम्मीद का उजियारा

भूलूं कैसे मैं तुम्हारा यह उपकार

तुमको है इसके लिए बहुत आभार


जब मैं इस अंधेरे से डर कर सहम गई

तो तेरी बातों ने मुझे निडरता का

सामना करना सिखा गई 

भूलूं

कैसे मैं तुम्हारा यह उपकार

तुमको है इसके लिए बहुत आभार


जब हुई माता पिता की कमी मेरे यार

तो तूने दिया माता पिता जैसा प्यार

भूलूं कैसे मैं तुम्हारा यह उपकार

तुमको है इसके लिए बहुत आभार


जब कोई छोटे बड़े

भाई बहनों की कमी मेरे यार

तो तूने किया सब की कमी दूर मेरे यार। 


भूलूं कैसे तुम्हारा यह उपकार

तुमको है इसके लिए बहुत आभार


जब अच्छी पूरे हर फैसले में

किसी की जरूरत थी मेरे यार

तो तूने हर काम भूल कर

दिया साथ मेरे यार

भूलूं कैसे मैं तुम्हारा यह उपकार

तुमको है इसके लिए बहुत आभार।


हर रूप में तूने किया मुझ पर उपकार

आभार जितना भी व्यक्त करूं

मैं उतना कम है यह आभार

भूलूं कैसे मैं तुम्हारा यह उपकार

तुमको है इसके लिए बहुत आभार।


जीवन का अब एक ही है लक्ष्य

मैं भी तुम्हारा उपकार चुका पाऊं

मैं भी तुम्हारे कुछ काम आ पाऊं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama