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Priyanka Thakur

Abstract

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Priyanka Thakur

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संस्कार

संस्कार

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 जीवन में हर व्यक्ति का एक ही आधार

जिसे माँ -बाप ने दिया नाम संस्कार


कुछ बच्चों ने किया इसका सम्मान

कुछ बच्चों किया इसका रोज अपमान


माँ -बाप की पहचान हुई अपने बच्चों को दिए संस्कारों से

कुछ माँ -बाप का अपमान हुआ अपने बच्चों के किया अहंकारो में


हर माँ -बाप की एक ही सीख होती है कि उनका बच्चा उनके दिए संस्कारों से बने महान

 पर कुछ बच्चों ने माँ -बाप की सीख पर लोगों को दिया उनके संस्कारों पर करने दिया सवाल


अपने बड़े बूढ़ों से सीखा था हमने तहजीब रहन-सहन अच्छा बोलने जनाब

आज हम अपने बच्चों को सिखाते कुछ तहजीब तो मिलते हमको मिलता खूब जवाब


हर माँ बाप अपने बच्चे को सही दिशा देना चाहते हैं जीवन में हमेशा सफल बनाना चाहते हैं

और बच्चे अपनी राह खुद गलत चुन लेते हैं और सारा दोष माँ -बाप पर होता है उनके संस्कार पर उठता है


अहंकार से संस्कार नहीं जीता जाता

अहंकार से सिर्फ संस्कार की हार हुई 



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