Priyanka Thakur

Romance

4  

Priyanka Thakur

Romance

कंगना

कंगना

1 min
778


तेरा कंगना खन खन करके मेरी नींद उड़ आती है

पर पता नहीं क्यों मुझे सुकून की आस जगाती है


तेरा कंगना खन खन करके सुबह की पहली किरण दिखाती है

पर पता नहीं कैसे दिन भर की सारी थकान खत्म हो जाती है


तेरा कंगना खन खन करके मीठी लोरी का एहसास दिलाती है

पर पता नहीं कैसे सपनों में भी तेरी याद सताती है


तेरा कंगना खन खन करके जीवन के गीत सुनाती है

पर पता नहीं कैसे सरगम की साथ बनाती है


तेरा कंगना खन खन करके मेरे दिल की धड़कन बढ़ाती है

पर पता नहीं कैसे मुझे खुशियों का एहसास जगाती है


तेरा कंगना खन खन करके हमारे संगम की डोर सजाती है

पर पता नहीं कैसे तेरे ना होने पर भी तेरा होना महसूस कराती है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance