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Priyanka Thakur

Fantasy

3  

Priyanka Thakur

Fantasy

प्रेम

प्रेम

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हर नारी का दूसरा रूप है प्रेम

नारी ने सब कुछ किया प्रेम में समर्पण


नारी जब प्रेम के बारे में ही सोचा लेती है

उसके चेहरे पर ख़ुशियों की लहर उठ जाती है


उसके प्रेम में असीम सागर की गहराई नजर आती है

बिन देखे उसके चेहरे में प्रेम की उमंग जाग जाती है


अकेले बैठ यू प्रेम की अनुभूति में ही मुस्कुरा जाती है

सारी महफ़िल में अपनी प्रेम की खुशबू ही पहचान जाते हैं


प्रेम से हर रोज दीपक की नई रौशनी जग जाती है

प्रेम की बगिया में हर रोज ने फूल खिला जाती है 



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