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Neerja Sharma

Drama

4  

Neerja Sharma

Drama

संस्मरण

संस्मरण

2 mins
354

पश्चिम एक्सप्रेस 

बहुत सालों बाद किया

ट्रेन का सफर 

वो भी अकेले।


२६ घंटे का लम्बा रास्ता 

ए सी डिब्बा 

न संगी न साथी 

अजीब सी खामोशी।

 

अपना अपना परदा खींच 

सब बैठे हैं यूँ 

घर का बैडरूम हो ज्यूँ।

एक बात तो है 

ट्रेन का सफर

वो भी ए सी डिब्बा !


एटीटयूड तो बनता है भाई

वैसै भी आधा डिब्बा खाली,

सामने की चार सीटों पर 

परदा खींच सोये हैं दोनों टी सी 

थोड़ी थोड़ी देर बाद 

किसी एक के मोबाइल की

घंटी बज जाती है 

महा मृत्युंञ्जय मंत्र सुना जाती है।


एक बात अच्छी है 

ये रिंग टोन भगवान का नाम

याद दिला जाती है

डयूटी में हुई गलती की

माफी मिल जाती है।


यह बात हर टी सी पर

लागू नहीं होती 

मानसिकता में

बदलाव आया है

लोगों को अपने आप में

खोया पाया हैं।


पंद्रह साल पहले भी

सफर किया था,

बच्चे छोटे थे 

उनके पीछे दौड़ते 

सफर कट जाता था 

कोई दादा तो कोई नाना

बन जाता था।


२६ घंटे का सफर

कैसे कट जाता था 

पता भी नहीं चल पाता था।

कभी बच्चों की,

कभी अपनी बातें हो जाती थी 

कभी कभी पुरानी जानकारी

निकल आती थीं।


मिल बाँट खाना

खाया जाता था 

ट्रेन में भी पिकनिक का

आनंद आता था।

आज अकेली बैठी बच्चों को

मिस कर रही हूँ 

कुछ खाने के लिए साथ को

तरस रही हूँ।


फिर मयंक (बेटा ) को किया फोन

मयंक का आइडिया पसंद आ गया 

अपनी व्यथा को लिख सा दिया।

कुछ समय बीत गया 

बाकी भी बीत जायेगा 

कल दोपहर बाद 

चंडीगढ़ आ जायेगा।


अगर लेना हो ट्रेन के सफर का मजा 

तो ए सी डिब्बे को तज दो जरा 

फिर लो भाई गप्पों का मजा। 

सटार प्लस के सीरियल से लम्बी 

हो जायेगी की सफर की कहानी अपनी।


एकता कपूर को भेज कुछ नाम कमाओ

आम के आम गुठलियों के दाम पाओ।

आज से कर लिया इरादा पक्का 

आम लोगों की प्यारी 

भारतीय रेल हमारी 

अब लेनी होगी ट्रेन जब 

डिब्बा न लूँगी ए सी तब।


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