मंगल यात्रा
मंगल यात्रा
विज्ञान ने किया चमत्कार
मानव को मिला अद्भुत, अनुपम उपहार
मंगल ग्रह की यात्रा करने जा रहे है
यात्रा मंगलमय हो सब यहीं कह रहे हैं
पहुँचने में लग गए दो दिन
दोस्तों के साथ कटे हँसते-खिलखिलाते ये दिन
जैसे ही मंगल पर पहला कदम रखा
लगा स्वर्ग से कोई संपर्क सधा
चारों ओर पतले छोटे कद के लोग थें
चेहरे पर मुस्कान थीं
व्यक्तित्व में मंगल की पहचान थीं
होटल देखकर दंग रह गए
हवा में बैड थें, बाथरूम स्टीम से भरा पडा़ था
हमारा वजन हल्का हो गया था
खाने में हलका उबला भोजन था
अलग ही सब्जियाँ थीं
विचित्र सा समोसा था
वहाँ भी प्रसिद्ध डोसा था
खा पीकर हम घूमने निकल गएँ
देखा मंगल का सांइस म्यूजियम
उलटी घडी़, सीधी खडी़
उड़ती कश्ती, रेल मेढक की तरह चलती
खरगोश की आकृति सी बाइक
सोलर पाॅवर से बनी हर किचन डिवाइस
टाइम मशीन जैसे गज़ब अजूबे हैं
जंगल में डायनसोर जिंदा है
बिना पंखों के भी उड़ता परिंदा है
फाइवडी मूवी बन रही है
मंगलमैन नाम की पिक्चर हिट है
मैटरीना हैफ़ छोटी-मोटी होकर भी फिट है
गो गो गनी सिंह से हम मिलें
मगंलम, मंगलम की ध्वनि पर थिरके
चाँद पर पहुँचे, सूरज की आँच ली
बोलते तारों से मुलाकात की
पेराशूट के झूले थें
हम इतने मस्त थे कि घर अपना भूले थें
पता नहीं चला,
कब जाने का समय हो गया
जाने के लिए राॅकेट खडा़ हो गया
यादगार यह घुमक्कडी़ हो गई
इसकी छाप हृदय पर अंकित हो गई!!
