मेरी आवाज़ ही मेरी पहचान है
मेरी आवाज़ ही मेरी पहचान है
कहने को तो हर शख्स गुमनाम है
मेरी तो आवाज़ ही मेरी पहचान है
माना कि एक दिन दौर बदल जाएगा
सूरत भी बदल जाएगी
सीरत भी बदल जाएगी
जो नहीं बदलेगी वो मेरी स्याही की शान है
मेरी मानो तो आपकी सोच ही अंजाम है
किसी चीज़ को करना मुश्किल नहीं जनाब
बस ठान लेने की देर है
ठान लिया तो बस उजाले की सवेर है
जिंदगी मिली है तो बस अब कुछ कर के बताना है
जिसकी किसी को उम्मीद नहीं वही कर दिखाना है
खुद को हमें कुछ इस कदर आज़माना है
बेखौफ जिंदगी बेखौफ इरादा है
कुछ कर गुज़रना है बस यही खुद से एक वादा है
हार भी जाऊँ तो कुछ गम नहीं
बस डर की आँखों में आँखें डाल लड़ने का इरादा है
कितने लोग हैं दुनिया में हम सब से बेख़बर सब से अंजान हैं
आपके कर्म से ही होती आपकी पहचान है
जवाब जीना इसी का नाम है
कहने को तो हर शख्स गुमनाम है
मेरी तो आवाज़ ही मेरी पहचान है।।
