फिल्म (चलचित्र)
फिल्म (चलचित्र)
एक तस्वीर सैकड़ों बोलों व अक्षरों से अधिक बोलती है,
उसे जीह्वा की आवश्यकता ही क्या जिसकी खामोशी भी गर्जना कर जाती है।
चलचित्र इस तथ्य को भली-भांति दर्शाता है,
चित्रों में आत्मा डाल उनकी बात का मर्म समझाता है ।
ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जो चलचित्र के प्रभाव से अछूत रहा होगा,
कभी ना कभी अपने सपनों को हर किसी ने इसके माध्यम से जी लिया होगा ।
इस को ना अपने पराये का बोध ना किसी से बैर-द्वेष ,
चलचित्र सभी को समान भाव से जीवन का बोध कराता है।
एक ओर कार्टून की फिल्में बच्चों के मनोरंजन व ज्ञान का साधन बन जाती हैं,
तो दूसरी ओर 3-d व विज्ञान जगत की फिल्में संसार की गतिविधियों का बोध कराती हैं I
अक्षरों का ज्ञान नहीं जिनको, उनके लिए भी ज्ञान का स्त्रोत बन जाता है,
क्या गुणगान करें इसकी महत्वता का, चलचित्र अत्यंत सरलता से लोगों को एक सूत्र में बांध जाता है...
